UPSC Story, IAS Story: सिविल सर्विसेज, एक ऐसा सपना जिसे लाखों युवा हर साल अपनी आंखों में सजाते हैं. कठिन परीक्षा, दिन-रात की मेहनत और कड़े संघर्ष के बाद ही कोई इस मुकाम तक पहुंच पाता है. UPSC की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है.हाल ही में उत्तर प्रदेश कैडर के एक IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश का नाम भ्रष्टाचार के मामले में उजागर हुआ, जिसके बाद योगी सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया. ऐसा नहीं कि कोई IAS पहली बार इस तरह के मामलों में फंसा है. इससे पहले भी कई ऐसे नाम हैं जो भ्रष्टाचार के आरोप में या तो सस्पेंड हो चुके हैं या जेल जा चुके हैं. तो आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसे ही IAS अधिकारियों की कहानी…
IAS अभिषेक प्रकाश
अभिषेक प्रकाश पर आरोप है कि उन्होंने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) में वाइस चेयरमैन रहते प्लॉट आवंटन में गड़बड़ी की. लखनऊ जन कल्याण महासमिति के उमाशंकर दुबे की शिकायत पर जांच की गई, जिसमें उनके घोटाले की बात सामने आई, जिसके बाद सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया.
IAS प्रदीप शुक्ला
प्रदीप शुक्ला 1995 बैच के IAS हैं. वह 1994 में UPSC परीक्षा के टॉपर रहे. शुक्ला पर LDA सचिव रहते भ्रष्टाचार और अवैध निर्माण के आरोप लगे. 2017 में CBI ने उन्हें जेल भेजा। अब वह जमानत पर बाहर हैं. उनकी पत्नी आराधना शुक्ला भी IAS रही हैं.
नीरा यादव
नीरा यादव कभी उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव बनी थीं, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण एक बड़े विवाद में फंस गईं. नोएडा प्राधिकरण में कार्यरत रहते हुए उन पर अवैध भूमि आवंटन और अपने पद का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये का लाभ कमाने का आरोप लगा. नीरा यादव 1971 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी थीं. 2010 में उन्हें 4 साल की जेल की सजा हुई थी.
यादव सिंह
यादव सिंह नोएडा प्राधिकरण के मुख्य अभियंता के पद पर थे. इस दौरान उन पर करोड़ों रुपये की संपत्ति बनाने के आरोप लगे. 2015 में CBI जांच के बाद उन्हें 2016 में गिरफ्तार कर लिया गया. अभी वह जमानत पर हैं.
अखंड प्रताप सिंह
कभी मुलायम सिंह सरकार में मुख्य सचिव रहे IAS अखंड प्रताप सिंह पर भ्रष्टाचार के कई केस चले, लेकिन जांच में कुछ खास नहीं निकला.
संजीव सरन
IAS संजीव सरन पर लखनऊ के DM रहते जमीन घोटाले का आरोप लगा, जिसके बाद वर्ष 2020 में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. अभी भी जांच जारी है.
घनश्याम सिंह
यह 2014 बैच के IAS अधिकारी हैं. 2024 में लखीमपुर खीरी में खेत पैमाइश में लापरवाही बरतने के आरोप में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था. बाद में फिर बहाल कर दिया गया है.
देवीशरण उपाध्याय
2012 बैच के IAS अधिकारी देवीशरण उपाध्याय पर अलीगढ़ में 35 भूखंडों के पट्टे मनमाने तरीके से बहाल करने के आरोप लगे, जिसके बाद जुलाई 2024 में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया.
टीके शीबू
टीके शीबू कभी सोनभद्र के DM हुआ करते थे. वर्ष 2022 में सोनभद्र DM रहते उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया, हालांकि अब उन्हें बहाल कर दिया गया है.
देवेन्द्र कुमार पांडेय
देवेन्द्र कुमार पांडेय उन्नाव के DM थे. इस दौरान बेसिक शिक्षा विभाग में हुई खरीद में वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था. वह 2011 बैच के IAS हैं.